हाईकोर्ट पहुंचा मंडी तौल कांटे का मामला, प्रबंधन अब भी मौन

छिंदवाड़ा।
मंडी में तौल कांटे (बीओटी) को लेकर चल रहा विवाद अब हाईकोर्ट पहुंच गया है। मामले में पुराने ठेकेदार संजय पटेल और मंडी प्रबंधन पर आरोप लगाए गए हैं। यह याचिका एक व्यापारी ने दायर की है। याचिका में कहा गया है कि मंडी बोर्ड के एमडी श्री श्रीवास्तव ने बीओटी ठेकेदार संजय पटेल के लिए अपने अधिकारों का गलत प्रयोग करते हुए उसे चार लाख रुपए का अनुचित लाभ पहुंचाया है। इतना ही नहीं उसे फिर से ठेका दिया गया जबकि उससे मंडी प्रबंधन को पुराने 8 लाख रुपए लेने हैं। मामले में प्रबंधन कुछ भी कहने से बच रहा है।
अंदर तौल करवाने बना रहे प्रेशर
मंडी में अघोषित रूप से आदेश जारी कर दिया गया है कि मंडी के अंदर स्थित तौल कांटे जो कि संजय पटेल की ठेकेदारी में चल रहा है से ही करवाई जाए। यदि कोई भी वाहन चालक बाहर से तौल करवाता है तो उसे अनुज्ञा नहीं दी जाएगी।
ये है मामला
एमडी के एक आदेश के बाद कृषि उपज मंडी समिति को पांच लाख रुपए का नुकसान हो गया है। यह नुकसान बीओटी मामले को लेकर हुआ है। बताया जाता है कि इस मामले की फाईल भोपाल कार्यालय में अटकी हुई थी जिस पर फैसला देते हुए एमडी ने मंडी समिति द्वारा वसूली जाने वाली तकरीबन 12 लाख रुपए की राशि में से 4 लाख रुपए की राशि माफ कर दी है। इसके पीछे तर्क यह दिया गया है कि जब ठेकेदार यह कांटा चला रहा था उस वक्त मंडी में मूलभूत सुविधाएं नहीं थीं जिसके कारण उसका तौल कांटा नहीं चला। इस वजह से उसे नुकसान हुआ। ठेकेदार के इस पक्ष को आधार मानते हुए एमडी ने करीब 4 लाख रुपए की प्रीमियम राशि कम कर दी। मतलब अब उसे महज 8 लाख रुपए ही चुकाने होंगे। इतना ही नहीं इस राशि को जमा करने के लिए उसे दो किश्तों की सुविधा भी दे दी गई है।
यह था प्रकरण
वर्ष 2012 में बीओटी कांटे का ठेका संजय पटेल को दिया गया। तब से वे ही कांटे का संचालन कर रहे थे। वर्ष 2015 में उनके द्वारा कांटे का संचालन बंद कर दिया गया और कुछ दिनों के बाद कांटा भी मंडी प्रांगण से गायब हो गया। तब से अब तक मंडी को उनसे लगभग 12 लाख रुपए वसूलना है। ठेकेदार यह मामला लेकर एमडी भोपाल के समक्ष पहुंच गया जिससे यह अब तक लटका हुआ था। हाल ही में यह फैसला आया है।

 

Source : ब्यूरो

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Name: धीरज मिश्रा (संपादक)

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